लॉकडाउन बनारस में कालाबाजारी बेलगाम, दूसरे जिलों की सीमा सील होने से बढ़ रही आटे की किल्लत

लॉकडाउन बनारस में कालाबाजारी बेलगाम, दूसरे जिलों की सीमा सील होने से बढ़ रही आटे की किल्लत









शासन प्रशासन की हिदायत के बाद भी वाराणसी में लॉकडाउन के कारण जरूरी वस्तुओं की कालाबाजारी नहीं थम रही है। सब्जी-फल के साथ चावल, दाल और चीनी के मनमाना दाम लिए जा रहे हैं। शहरी व ग्रामीण इलाकों में लोगों को आटा, तेल की किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है। आपूर्ति विभाग व मंडी परिषद के अधिकारी मूल्य सूची का कड़ाई से पालन करने में असमर्थ नजर आ रहे हैं। फिर कुछ इलाकों की ही दुकानों पर मूल्य सूची चस्पा की गई है। दुकानदार इसका भी बेजा लाभ उठा रहे हैं। 


दूसरे जिलों से आवक प्रभावित
प्रदेश के दूसरे जिलों की फ्लोर मिलों को कुछ दिन पहले बनारस के लिए 200 टन आटे का ऑर्डर भेजा गया था लेकिन जिलों की सीमाएं सील होने के कारण आटा लदे ट्रक वहां से चल नहीं पाए हैं। बनारस में जौनपुर के चंदवक, सुल्तानपुर की फ्लोर मिलों से आटा आता है। पांच और दस किलोग्राम के पैकेट में विभिन्न कंपनियों के पैकेट आते हैं। दिल्ली, मुंबई, पंजाब, नासिक आदि जिलों में भी कर्फ्यू के कारण लगभग डेढ़ सप्ताह से पैकेट वाले सामान नहीं आ पा रहे हैं। विश्वेश्वरगंज भैरोनाथ व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रतीक गुप्ता ने बताया कि आपूर्ति विभाग के अधिकारी जल्द पास जारी करने का आश्वासन दे रहे हैं। यदि पास बन जाए तो किल्लत दूर हो जाएगी। एडीएम सप्लाई नलिनीकांत सिंह ने बताया कि फ्लोर मिलों से आटा मंगाने के लिए अन्य जिलों के अधिकारियों से बात की गई है। जल्द ही समस्या दूर हो जाएगी। 


शुक्रवार को महमूरगंज, गोदौलिया, चेतगंज, लहुराबीर, मैदागिन, मछोदरी, दारानगर, लक्सा, गुरुबाग, मंडुवाडीह, पहड़िया, भोजूबीर, शिवपुर में आटे की किल्लत की अनेक शिकायतें आईं। जिन दुकानों पर लोग सुबह ही लोग पहुंच गये थे,  वहां उन्हें एक किलो आटे के लिए 55 रुपये तक चुकाने पड़े। ज्यादातर लोगों को आटा  और कहीं-कहीं सरसों तेल, देसी घी भी नहीं मिल सकी। वहीं,  रथयात्रा, शिवपुर, जगतगंज, अर्दली बाजार, पांडेयपुर, अकथा के अपार्टमेंट व कॉलोनियों में एक किलो आलू 45 से 50 रुपये में बिका। 


सामनेघाट, छित्तुपुर, डाफी, चितईपुर, भिखारीपुर, सुंदरपुर, भेलूपुर, सोनारपुरा, अस्सी, सुसुवाही, नरिया, लंका, बजरडीहा आदि इलाकों की दुकानों से अधिक कीमत पर सामानों की बिक्री की शिकायत मिलती रही। सामनेघाट के कन्हैया सिंह, दिनेश सिंह, राजेश पांडेय ने बताया कि दुकानों पर आटा 45 रुपये, आलू 40 रुपये, चावल 50 रुपये, सरसों तेल 180 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। कुछ जरूरी दवाओं का स्टॉक भी कम होने या खत्म होने से दिक्कतें आ रही हैं। 


मैदागिन की एकता, गोलघर के सौरभ गुप्ता ने बताया कि काला बाजारी पर रोक नहीं लग पा रही है। राजमंदिर के सुधीर भट्ट ने बताया कि क्षेत्र में तेल, घी की किल्लत हो गई है। सोना तालाब के राजन श्रीवास्तव पांडेयपुर तक घूम आए, उन्हें आटा नहीं मिला। नगवा के दीपक पाण्डेय व जहीर अब्बास ने भी यही बात कही। 


ग्रामीण इलाकों में भी परेशानी 
राशन व सब्जियों के दामों में भारी उछाल से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी परेशान हैं।  रामेश्वर में लोगों की शिकायत पर शुक्रवार को सीओ सदर अभिषेक पाण्डेय पहुंचे और राशन दुकानदारों व सब्जी विक्रेताओं को चेतावनी दी। रामेश्वर में प्याज 40, आलू 40, टमाटर 40 रुपया, हरी मिर्च 60, लौकी 80, धनिया 50 रुपये, आटा 50, अदरक 80 रुपये प्रति किलोग्राम बिका। चोलापुर, चिरईगांव, बड़ागांव, चांदपुर आदि क्षेत्रों में भी अधिक दाम पर सामानों की बिक्री की शिकायतें मिलीं। रामेश्वर के मनोज कुमार, छविराज पटेल, धर्मराज पटेल, आदित्य सिंह, मनोज यादव, संतोष मौर्य ने बताया कि अगर यही स्थिति रही तो संकट बढ़ेगा।